PM-KUSUM योजना 2025: किसानों को 90% सब्सिडी पर सोलर पंप कैसे मिल सकते हैं, आवेदन प्रक्रिया, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, और लाभ – जानिए इस हिंदी गाइड में पूरी जानकारी।
पीएम-कुसुम योजना: खेती के लिए पाएं सोलर पंप पर सरकारी सब्सिडी
परिचय
भारत में 60% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है, ऐसे में सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा तक पहुंच किसानों के लिए बेहद आवश्यक है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना शुरू की।
2025 में यह योजना और भी ज्यादा प्रभावी भूमिका निभा रही है, जिससे किसानों को 90% तक सब्सिडी पर सोलर पंप मिल रहे हैं।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे:
पीएम-कुसुम योजना क्या है
इसके उद्देश्य और लाभ
योजना के तहत मिलने वाले कंपोनेंट्स
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें
जरूरी दस्तावेज
सामान्य पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
पीएम-कुसुम योजना क्या है?
यह योजना नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य है:
कृषि में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना
डीजल पर निर्भरता को कम करना
किसानों को अतिरिक्त बिजली बेचकर आय का स्रोत देना
मुख्य फोकस:
सोलर सिंचाई पंप स्थापित करना
ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाएं
मौजूदा पंपों का सोलराइजेशन करना
पीएम-कुसुम योजना के उद्देश्य
ऊर्जा सुरक्षा: किसानों को सिंचाई के लिए भरोसेमंद सोलर पावर उपलब्ध कराना
आर्थिक राहत: डीजल और बिजली की लागत को कम करना
पर्यावरण संरक्षण: कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना
आय में वृद्धि: किसानों को DISCOM को अतिरिक्त बिजली बेचने का मौका देना
2025 में योजना के तीन मुख्य घटक (Components)
Component A:
बंजर/बेकार जमीन पर 10,000 मेगावाट की विकेंद्रीकृत ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाएं
किसान अपनी जमीन लीज़ पर दे सकते हैं या खुद संयंत्र स्थापित कर सकते हैं
Component B:
7.5 HP तक के स्टैंड-अलोन सोलर पंप
विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए जहाँ ग्रिड नहीं है
Component C:
मौजूदा ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सोलराइजेशन
किसान दिन के समय सौर ऊर्जा से सिंचाई कर सकते हैं और बची बिजली बेच सकते हैं
2025 में सब्सिडी स्ट्रक्चर
हालांकि सब्सिडी राज्य अनुसार थोड़ी भिन्न हो सकती है, सामान्यत: यह पैटर्न रहता है:
60% सब्सिडी: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा
30% ऋण सुविधा
10% किसान का अंशदान
उदाहरण:
अगर 5 HP का सोलर पंप ₹2.5 लाख का है:
सरकार की सब्सिडी = ₹1.5 लाख
ऋण = ₹75,000
किसान का अंशदान = केवल ₹25,000
किसानों के लिए लाभ
सिंचाई के लिए शून्य बिजली बिल
दिन के समय भरोसेमंद बिजली
बहुत कम मेंटेनेंस लागत (5–7 साल की वारंटी)
अतिरिक्त बिजली बेचने से आय
पर्यावरण के लिए अनुकूल
बंजर ज़मीन का उपयोग
राज्य-वार कार्यान्वयन उदाहरण
राजस्थान:
45,000+ सोलर पंप लगाए जा चुके हैं
कंपोनेंट A के तहत जमीन से अतिरिक्त आय
महाराष्ट्र:
विदर्भ जैसे सूखा प्रभावित क्षेत्रों में विशेष प्रयास
उत्तर प्रदेश:
आसान ऑनलाइन पोर्टल
2025 में 1 लाख पंप सोलराइज करने का लक्ष्य
कर्नाटक:
SC/ST किसानों के लिए सब्सिडी 90% तक बढ़ाई गई
पीएम-कुसुम के लिए आवेदन कैसे करें?
स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:
अपने राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (SREDA) की वेबसाइट पर जाएँ
जैसे राजस्थान के लिए: https://rreclmis.energy.rajasthan.gov.in/
आधार और मोबाइल नंबर से रजिस्टर करें
पंप क्षमता और योजना का घटक चुनें
जरूरी दस्तावेज अपलोड करें
किसान का अंशदान (यदि लागू हो) जमा करें
स्वीकृति और इंस्टॉलेशन की प्रतीक्षा करें
जरूरी दस्तावेज
आधार कार्ड
भूमि के स्वामित्व के कागज़ या लीज़ समझौता
बैंक अकाउंट डिटेल (आधार से लिंक)
पासपोर्ट साइज फोटो
बिजली बिल की कॉपी (यदि लागू हो)
पात्रता मानदंड
किसान होना आवश्यक (व्यक्तिगत/समूह/सहकारी)
कृषि भूमि का स्वामित्व
कुछ राज्यों में SC/ST, लघु और सीमान्त किसानों को प्राथमिकता
आम चुनौतियाँ और समाधान
चुनौतीसमाधान
योजना की जानकारी की कमीकृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) कैंप आयोजित करें
अनुमोदन में देरीऑनलाइन पोर्टल को सरल बनाया गया है, कागजी कार्यवाही घटाई गई है
मेंटेनेंस संबंधी समस्याMNRE द्वारा अप्रूव वेंडर 5 साल तक फ्री मेंटेनेंस देंगे
निष्कर्ष
PM-KUSUM योजना भारतीय किसानों के लिए सस्ती, पर्यावरण-अनुकूल और आत्मनिर्भर खेती की ओर एक सशक्त कदम है। आसान आवेदन प्रक्रिया, भारी सब्सिडी और अनेक लाभों के साथ यह योजना एक क्रांतिकारी बदलाव ला रही है।
अगर आप किसान हैं और अपनी सिंचाई लागत घटाना चाहते हैं तो अभी आवेदन करें और अपने खेत के ऊर्जा भविष्य पर नियंत्रण पाएं।