परिचय
भारत की जनजातीय आबादी लंबे समय से वनों पर आधारित जीविका पर निर्भर है। हाल के वर्षों में, उन्हें टिकाऊ कृषि और सहयोगी गतिविधियों के माध्यम से सशक्त बनाने पर जोर दिया गया है। ऐसी ही एक पहल जो सच में “बज़” (buzz) बना रही है, वह है: मुफ्त मधुमक्खी बॉक्स योजना, जिसे जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत ट्राइफेड (TRIFED) द्वारा चलाया जा रहा है।
2025 में, इस योजना का विस्तार किया जा रहा है ताकि और अधिक जनजातीय किसानों को मधुपालन (Apiculture) के माध्यम से आय सृजन और जैव विविधता संरक्षण में मदद मिल सके।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे:
यह योजना क्या है
जनजातीय किसानों को क्या लाभ है
योजना कैसे काम करती है
आवेदन प्रक्रिया
राज्य-वार कार्यान्वयन
चुनौतियाँ और समाधान
मुफ्त मधुमक्खी बॉक्स योजना क्या है?
यह एक सरकारी योजना है जिसमें जनजातीय किसानों को मुफ्त मधुमक्खी बॉक्स, मधुमक्खी कालोनियाँ, और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह वान धन विकास योजना (Van Dhan Vikas Yojana) के तहत चल रही व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है वन संसाधनों का मूल्य वर्धन के साथ उपयोग करना।
योजना के तहत पात्र किसान को मिलते हैं:
10 मधुमक्खी बॉक्स जिनमें जिंदा मधुमक्खियाँ होती हैं
सुरक्षात्मक किट (बी सूट, दस्ताने, स्मोकर, हाइव टूल)
मधुपालन प्रशिक्षण
ट्राइफेड या उसके पार्टनर्स के जरिए खरीदी गारंटी
उद्देश्य
जनजातीय समुदायों में टिकाऊ आय को बढ़ावा देना
जैव विविधता को बचाना और परागण को बढ़ाना
मधुपालन में उद्यमिता को बढ़ावा देना
जनजातीय शहद के लिए बाजार संपर्क बनाना
जनजातीय किसानों के लिए प्रमुख लाभ
✅ मुफ्त उपकरण: बॉक्स और कालोनियों के लिए कोई प्रारंभिक लागत नहीं
✅ गारंटीकृत बाजार: ट्राइफेड उचित दरों पर शहद खरीदता है
✅ प्रशिक्षण: किसान स्वतंत्र रूप से मधुपालन कर सकें, इसके लिए पूरा प्रशिक्षण
✅ फसलों की उपज में बढ़ोतरी: मधुमक्खियाँ आसपास की फसलों में परागण को बढ़ाती हैं
✅ अतिरिक्त आय: शहद और मोम से अतिरिक्त कमाई
✅ महिला सशक्तिकरण: महिला SHG और जनजातीय महिलाओं को विशेष रूप से जोड़ा जा रहा है
योजना कैसे काम करती है?
लाभार्थियों की पहचान:
स्थानीय वन विभाग, वान धन केंद्र या स्वयं सहायता समूह (SHG) के माध्यम से चयन
मधुमक्खी बॉक्स का वितरण:
प्रत्येक लाभार्थी को 10 बॉक्स का सेट
प्रशिक्षण सत्र:
KVIC या कृषि विश्वविद्यालयों से विशेषज्ञों द्वारा व्यावहारिक प्रशिक्षण
निरंतर निगरानी और सहायता:
फील्ड अधिकारी समय-समय पर दौरे कर तकनीकी मदद देते हैं
खरीदी व्यवस्था (Buy-Back):
ट्राइफेड के साझेदारों के माध्यम से शहद की खरीदी सुनिश्चित की जाती है
प्रमुख कार्यान्वयन साझेदार
TRIFED (नोडल एजेंसी)
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC)
ICAR – केंद्रीय मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (CBRTI)
राज्य वन विभाग और जनजातीय कल्याण विभाग
जनजातीय विकास में काम कर रहे NGO
2025 में सक्रिय राज्य
राज्यप्रगति
झारखंडअब तक 7,000 जनजातीय किसान लाभान्वित
छत्तीसगढ़5,200 बॉक्स वितरित
ओडिशावन शहद संग्रहण प्रणाली से जोड़ा गया
मध्य प्रदेशमंडला और डिंडोरी में उच्च भागीदारी
राजस्थानभील और गरासिया जनजातियों पर ध्यान
पूर्वोत्तर भारतनागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल में बढ़ती रुचि
आवेदन प्रक्रिया
पात्रता:
अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय से होना चाहिए
वान धन केंद्र या ट्राइबल SHG से पंजीकृत होना
आदिवासी बहुल क्षेत्र में निवास करना
आवेदन कैसे करें:
नजदीकी वान धन केंद्र या जिला जनजातीय कार्यालय जाएँ
लाभार्थी फॉर्म भरें
जरूरी दस्तावेज जमा करें:
आधार कार्ड
ST प्रमाणपत्र
बैंक खाता पासबुक
निवास प्रमाण
पासपोर्ट साइज फोटो
प्रशिक्षण/उन्मुखीकरण शिविर में भाग लें
🔔 नोट: कई राज्यों में अब ऑनलाइन आवेदन पोर्टल भी शुरू हो चुके हैं।
चुनौतियाँ और सरकारी समाधान
चुनौतीसमाधान
मधुमक्खियों से डरसुरक्षा गियर के साथ प्रैक्टिकल प्रशिक्षण
शहद की बिक्री की समस्याट्राइफेड द्वारा खरीदी की व्यवस्था
योजना की जानकारी की कमीKVK और NGO द्वारा जागरूकता अभियान
कुछ क्षेत्रों में उत्पादन कमवैज्ञानिक सलाह और मौसमी मार्गदर्शन
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
महिला नेतृत्व वाले सूक्ष्म उद्योगों में वृद्धि
“Tribes India” ब्रांड के तहत ऑर्गेनिक शहद का उत्पादन
कुछ क्षेत्रों में ईको-टूरिज्म और हनी ट्रेल्स
मधुमक्खी मोम का उपयोग हस्तशिल्प उद्योग में
भविष्य की योजनाएँ (2025–2027)
📍 10 लाख जनजातीय लाभार्थियों तक योजना का विस्तार
📍 मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल प्रशिक्षण
📍 जनजातीय क्षेत्रों में शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना
📍 क्षेत्रीय शहद (जैसे साल शहद, महुआ शहद) का ब्रांडिंग
निष्कर्ष
मुफ्त मधुमक्खी बॉक्स योजना सिर्फ एक कृषि पहल नहीं है—यह एक मिशन है जो जनजातीय समुदायों को आत्मनिर्भर और पर्यावरण के अनुकूल जीवन जीने की ओर ले जा रहा है। यदि आप कोई जनजातीय किसान हैं या उनके साथ काम करते हैं, तो यह एक सुनहरा अवसर है, जिसे अपनाकर आप “मीठा” परिवर्तन ला सकते हैं।
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