जानिए खाद्यात्मक खाद (Compost) क्या है, कैसे बनाया जाता है, इसके प्रकार, लाभ, उपयोग और जैविक खेती में इसकी भूमिका। यह 2025 का सम्पूर्ण मार्गदर्शक है – हर किसान और जैविक खेती प्रेमी के लिए एक अनमोल संसाधन।
परिचय: खाद्यात्मक खाद क्या है और यह क्यों ज़रूरी है?
Compost, जिसे हिंदी में खाद या खाद्यात्मक खाद कहा जाता है, जैविक कचरे से तैयार की गई एक पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी के समान सामग्री होती है। यह खेती के लिए एक प्राकृतिक उर्वरक के रूप में काम करता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता, जल धारण क्षमता और सूक्ष्मजीव गतिविधियाँ बढ़ती हैं।
आज के रासायनिक खेती के युग में compost जैविक खेती की आत्मा बन चुका है। यह Low Cost, Eco-Friendly और Sustainable Agriculture का मूल आधार है।
खाद्यात्मक खाद (Compost) क्या है?
परिभाषा और मूल तत्व
Compost एक जैविक पदार्थ है जो पौधों, खाद्य अपशिष्ट, पत्तों, गोबर, फसलों के अवशेष आदि के सड़ने और विघटन से बनता है। इसमें मुख्यतः ये तत्व होते हैं:
नाइट्रोजन (N) – हरा कचरा (पत्तियाँ, सब्ज़ियाँ)
कार्बन (C) – सूखा कचरा (सूखी पत्तियाँ, भूसी, लकड़ी)
सूक्ष्मजीव – जो विघटन प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं
खाद बनाने की प्रक्रिया (How to Make Compost)
आवश्यक सामग्री
हरा कचरा – हरी सब्ज़ियों के छिलके, घास, हरी पत्तियाँ
सूखा कचरा – भूसी, सूखी पत्तियाँ, कागज, गत्ते
गोबर या पुराने खाद – सूक्ष्मजीवों का स्रोत
पानी – नमी के लिए
मिट्टी – संतुलन और सूक्ष्मजीवों के लिए
खाद बनाने के तरीके
1. गड्ढा विधि (Pit Method)
3ft गहरा, 5ft चौड़ा गड्ढा बनाएं
परतों में हरा और सूखा कचरा डालें
हर परत पर थोड़ा मिट्टी और गोबर डालें
45-60 दिनों में खाद तैयार
2. स्टैक विधि (Heap Method)
ज़मीन पर खुले में परतें लगाई जाती हैं
ढकने के लिए पुआल या बोरी का प्रयोग करें
हर 10-15 दिन में पलटना
3. वर्मीकम्पोस्ट विधि (Vermicompost)
केंचुओं की सहायता से खाद तैयार
बेहतर गुणवत्ता और तेज़ उत्पादन
खाद के प्रकार (Types of Compost)
जैविक (Organic Compost)
सिर्फ पौधों और पशुओं के अपशिष्ट से बनी खाद। पूर्णतः जैविक खेती के लिए उपयुक्त।
वर्मी कम्पोस्ट (Vermicompost)
केंचुओं की मदद से तैयार की गई खाद – जिसमें पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं।
खाद कम्पोस्ट (Farmyard Compost)
खेती के खेत में उपयोग की जाने वाली सामान्य खाद – गोबर, फसल अवशेष आदि से बनी होती है।
किचन वेस्ट कम्पोस्ट
घर के जैविक कचरे से बनी खाद – Urban Gardening के लिए उत्तम।
खाद के उपयोग (Uses of Compost)
खेती में
फसलों को प्राकृतिक पोषण
मिट्टी की संरचना सुधार
उत्पादन में वृद्धि
बागवानी में
गमलों की मिट्टी को उपजाऊ बनाता है
जल धारण क्षमता बढ़ाता है
लैंडस्केपिंग और वृक्षारोपण में
पौधों की वृद्धि को तेज करता है
पर्यावरण को सुरक्षित रखता है
खाद के लाभ (Benefits of Compost)
पर्यावरणीय लाभ
जैविक अपशिष्ट को कम करता है
कार्बन फुटप्रिंट को घटाता है
आर्थिक लाभ
महंगे रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता नहीं
लंबे समय तक मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखता है
कृषि लाभ
पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
मिट्टी में सूक्ष्मजीव गतिविधि बढ़ाता है
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खाद की भूमिका
सूक्ष्म पोषक तत्वों की आपूर्ति
Compost में ज़िंक, बोरॉन, कॉपर जैसे micronutrients पाए जाते हैं जो chemical fertilizers में नहीं होते।
मिट्टी की संरचना और जलधारण क्षमता
Compost की मौजूदगी से मिट्टी हल्की, हवादार और जल धारणशील बनती है।
Soil Microbial Life को सपोर्ट करता है
Compost जैविक सूक्ष्मजीवों का घर है जो फसलों के लिए ज़रूरी पोषक तत्व उत्पन्न करते हैं।
Compost बनाम Chemical Fertilizers
तत्वCompostChemical Fertilizer
पोषण संतुलनसंतुलितसीमित (NPK आधारित)
पर्यावरण प्रभावसकारात्मकहानिकारक
लागतकमअधिक
Soil Healthसुधरता हैकमजोर करता है
घर पर Compost कैसे बनाएं?
Step-by-Step Guide
छोटा बायो-कंपोस्ट बिन बनाएं
रसोई के कचरे को अलग करें – गीला और सूखा
हफ्ते में 1 बार परतों को पलटें
30-45 दिन में खाद तैयार
गाँवों और किसानों के लिए Compost Units
SHG या FPO के माध्यम से यूनिट स्थापित करें
NABARD और कृषि विभाग सब्सिडी देते हैं
गांव में 5-10 परिवार मिलकर यूनिट बना सकते हैं
खाद बेचकर कमाएं
Organic fertilizer के रूप में local market में बेचें
1 टन खाद से ₹3,000 तक की आमदनी
Compost बनाने में ध्यान रखने योग्य बातें
हरा और सूखा कचरा संतुलित हो
नमी 60% बनी रहे
हर 7-10 दिन में पलटना ज़रूरी है
किसी भी प्लास्टिक, रासायनिक या चिकनाई वाले पदार्थ से बचें
सरकारी सहायता और योजनाएँ
खाद निर्माण के लिए सब्सिडी
Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY)
Rashtriya Krishi Vikas Yojana (RKVY)
Vermicompost Subsidy by Agriculture Dept.
प्रशिक्षण और वर्कशॉप
कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) प्रशिक्षण देते हैं
जिला कृषि कार्यालय से संपर्क करें
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या compost से फसल का उत्पादन बढ़ता है?
हाँ, यह मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाता है जिससे उपज में वृद्धि होती है।
2. क्या compost को chemical fertilizer के साथ मिलाकर उपयोग कर सकते हैं?
हाँ, लेकिन सिर्फ ज़रूरत होने पर। Compost को प्राथमिकता देना चाहिए।
3. एक एकड़ खेत के लिए कितना compost चाहिए?
लगभग 2-3 टन प्रति एकड़ पर्याप्त होता है।
निष्कर्ष
Compost यानि खाद्यात्मक खाद भारत के कृषि भविष्य का आधार है। यह न केवल फसलों को पोषण देता है, बल्कि मिट्टी, पर्यावरण और किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुधारता है। रासायनिक खेती के दुष्परिणामों से बचने के लिए compost को अपनाना अब विकल्प नहीं बल्कि ज़रूरत है।
अगर आप जैविक खेती की शुरुआत करना चाहते हैं, तो Compost से बेहतर शुरुआत और कुछ नहीं हो सकती।