नीम ऑयल जैविक खेती के लिए एक प्राकृतिक कीटनाशक और खाद का काम करता है। इस लेख में जानें इसे कैसे तैयार करें, क्या लाभ हैं, और फसलों पर इसे सुरक्षित रूप से कैसे उपयोग करें।
प्रस्तावना
भारत सहित दुनिया भर में जैविक खेती तेज़ी से लोकप्रिय हो रही है। इस क्षेत्र में एक ऐसा प्राकृतिक उपाय है जिसे लगभग हर जैविक किसान अपनाता है — नीम का तेल। यह नीम के पेड़ (Azadirachta indica) के बीजों से निकाला जाता है और कीटनाशक तथा जैविक खाद दोनों के रूप में कार्य करता है।
इस गाइड में हम विस्तार से जानेंगे नीम ऑयल कैसे बनाया जाता है, इसके कृषि में उपयोग और जैविक खेती में इसकी अहम भूमिका।
1. नीम ऑयल क्या है?
नीम ऑयल एक प्राकृतिक तेल है जो नीम के बीजों से निकाला जाता है। इसमें Azadirachtin नामक यौगिक होता है जो कीटों को रोकने में अत्यंत प्रभावी होता है। किसान इसका उपयोग कीट नियंत्रण, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और पौधों की वृद्धि के लिए करते हैं — बिना किसी रासायनिक प्रभाव के।
2. नीम ऑयल कैसे बनाएं? (घर पर बनाने की विधि)
घरेलू कोल्ड-प्रेस विधि:
सामग्री:
सूखे नीम बीज
मूसल या मिक्सर ग्राइंडर
गर्म पानी
मलमल का कपड़ा या महीन छलनी
विधि:
नीम बीज इकट्ठा करें
पककर गिरे हुए नीम फलों से बीज निकालें, साफ करें और गूदा हटा दें।सुखाएं
इन बीजों को 3–5 दिनों तक तेज धूप में सुखाएं।पीसें
मूसल या मिक्सर की मदद से बीजों को दरदरा पीस लें।गर्म पानी में भिगोएं
इस पाउडर को गर्म पानी में 12–24 घंटे तक भिगो दें।तेल छानें
मलमल कपड़े से छानें। ऊपर की परत में पीला या भूरा नीम ऑयल दिखाई देगा।संग्रह करें
तेल को गहरे रंग की काँच की बोतल में भरें और धूप से दूर रखें।
व्यवसायिक नीम ऑयल निर्माण (Commercial Process):
विधि: कोल्ड प्रेस या सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन
मशीनें: नीम डेकोर्टिकेटर, ऑयल एक्सपेलर, फिल्टर प्रेस
उप-उत्पाद: नीम खली (खाद के रूप में प्रयोग)
संरक्षण: UV-प्रतिरोधी कंटेनर में संग्रह
औद्योगिक नीम तेल में Azadirachtin की मात्रा 300–2500 ppm तक हो सकती है।
3. नीम ऑयल में पाए जाने वाले प्रमुख यौगिक
यौगिककार्य
Azadirachtin600+ कीट प्रजातियों को रोकता है
Nimbinएंटी-फंगल गुण
Salanninमच्छरों को भगाता है
Geduninकीट वृद्धि रोकता है
Fatty Acidsमिट्टी को पोषण देता है
4. जैविक खेती में नीम ऑयल का उपयोग
a) प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में:
कीटों के प्रजनन और भोजन पर असर
एफिड्स, वाइटफ्लाई, मीलीबग्स, लीफहॉपर और नेमाटोड के खिलाफ प्रभावी
b) फोलियर स्प्रे के रूप में:
1 लीटर पानी में 5–10 ml नीम ऑयल मिलाएं
2 ml हल्का साबुन (इमल्सीफायर) डालें
सुबह या शाम के समय छिड़काव करें
c) सॉइल ड्रेंच के रूप में:
जड़ों में पनपने वाले कीटों को नियंत्रित करता है
मिट्टी में जैविक गतिविधि को बढ़ाता है
d) फफूंदनाशक के रूप में:
पाउडरी मिल्ड्यू, रस्ट, लीफ स्पॉट, ब्लाइट को रोकता है
5. किन फसलों में नीम ऑयल उपयोगी है?
फसललाभ
सब्जियाँ (टमाटर, पत्ता गोभी)कीड़े, एफिड्स, फफूंद नियंत्रण
दालें (मूंग, उड़द)लीफहॉपर, बीटल्स
फल (आम, केला)मीलीबग्स, फंगल स्पॉट
मसाले (मिर्च, हल्दी)माइट्स, थ्रिप्स
अनाज (गेहूं, धान)बोरर और दीमक से सुरक्षा
6. नीम ऑयल के लाभ
पर्यावरण के अनुकूल और जैव विघटनीय
फसलों पर रासायनिक अवशेष नहीं
मधुमक्खियों जैसे लाभदायक कीटों के लिए सुरक्षित
रासायनिक कीटनाशकों की लागत में कमी
मिट्टी की सेहत को लंबे समय तक सुधारता है
7. नीम ऑयल का सुरक्षित उपयोग कैसे करें?
पैरामीटरअनुशंसा
घोल अनुपात5–10 ml प्रति लीटर पानी
फ्रिक्वेंसीहर 7–10 दिन में
छिड़काव का समयसुबह या शाम
भंडारणठंडी, अंधेरी जगह में एयरटाइट बोतल
शेल्फ लाइफ6–12 महीने
8. नीम ऑयल की मांग और बाजार मूल्य
जैविक उत्पादक देशों (भारत, अमेरिका, यूरोप, दक्षिण-पूर्व एशिया) में उच्च मांग
IPM (Integrated Pest Management) का हिस्सा
भारत सरकार की योजनाओं जैसे परमपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) में बढ़ावा
निष्कर्ष
नीम ऑयल आज की सस्टेनेबल और जैविक खेती का मुख्य आधार बन गया है। इसमें मौजूद Azadirachtin और अन्य जैविक यौगिक फसलों की सुरक्षा, मिट्टी की गुणवत्ता और पैदावार बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं — वह भी बिना किसी रासायनिक दुष्प्रभाव के।
चाहे आप एक छोटे किसान हों या बड़े व्यवसायिक कृषक — नीम ऑयल को अपनी खेती में शामिल करके आप लंबी अवधि की उपज और मिट्टी की उर्वरता सुनिश्चित कर सकते हैं।