ई–NAM (Electronic National Agriculture Market): कृषि उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल मंडी प्लेटफॉर्म

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 ई-नाम (e-NAM) भारत सरकार की डिजिटल मंडी योजना है, जिससे किसान अपने कृषि उत्पादों को ऑनलाइन बेच सकते हैं। यह पोस्ट आपको e-NAM की कार्यप्रणाली, फायदे, पंजीकरण प्रक्रिया, और राज्यों में इसके उपयोग की पूरी जानकारी देती है।

1. ई–NAM क्या है? – योजना का परिचय

e-NAM (Electronic National Agriculture Market) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक डिजिटल पहल है, जिसका उद्देश्य पूरे देश को एकीकृत कृषि मंडी नेटवर्क से जोड़ना है। यह एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहाँ किसान, व्यापारी और मंडियां आपस में कृषि उत्पादों की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं, वो भी पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक कीमतों पर।

                                                                                

भारतीय किसान मोबाइल पर ई-नाम ऐप का उपयोग करते हुए खेत में खड़ा है, डिजिटल मंडी का प्रतीकात्मक चित्र।

2. ई–NAM की शुरुआत और उद्देश्य

लॉन्च:

e-NAM की शुरुआत 14 अप्रैल 2016 को कृषि मंत्रालय द्वारा की गई थी। यह योजना Small Farmers Agribusiness Consortium (SFAC) द्वारा संचालित होती है।

उद्देश्य:

  • कृषि उत्पादों की बिक्री को पारदर्शी और डिजिटल बनाना

  • किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य दिलवाना

  • मंडियों को जोड़कर एक राष्ट्रीय बाजार बनाना

  • बिचौलियों की भूमिका को कम करना

  • समय और लागत की बचत

                                                                                 
भारत सरकार की ई-नाम योजना को दर्शाता हुआ ग्राफिक, जिसमें किसान, व्यापारी और मंडी जुड़े हुए दिखाए गए हैं।

3. पारंपरिक मंडियों की समस्याएं

समस्याविवरण

❌ बिचौलियों की मनमानी | किसान को बाजार मूल्य नहीं मिल पाता

❌ पारदर्शिता की कमी | तौल और ग्रेडिंग में धोखाधड़ी

❌ सीमित पहुँच | केवल स्थानीय व्यापारी से ही सौदा

❌ मोलभाव की मजबूरी | किसान को फसल जल्दी बेचनी होती है

e-NAM इन सभी समस्याओं का डिजिटल समाधान है।

                                                                       

किसान द्वारा उत्पाद लिस्टिंग से लेकर व्यापारी द्वारा बोली और भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया।

4. E–NAM कैसे काम करता है?

  • किसान और व्यापारी e-NAM पोर्टल या मोबाइल ऐप पर रजिस्ट्रेशन करते हैं

  • किसान अपना उत्पाद, मात्रा, ग्रेड और न्यूनतम मूल्य लिस्ट करता है

  • व्यापारी उस लिस्टिंग पर बोली लगाते हैं

  • सबसे अच्छी बोली पर किसान सहमत होता है

  • भुगतान डिजिटल माध्यम से सीधा किसान के खाते में

  • फसल का पिकअप या ट्रांसपोर्टेशन व्यापारी की ओर से

                                                                    
ई-नाम और पारंपरिक मंडियों के बीच कीमत, पारदर्शिता, और सुविधा की तुलना करता चार्ट।

5. कौन-कौन से उत्पाद इसमें शामिल हैं?

अब तक 200+ कृषि उत्पाद e-NAM प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध हैं, जैसे:

  • अनाज: गेहूं, चावल, जौ, मक्का

  • दालें: चना, मूंग, अरहर

  • तिलहन: सरसों, सोयाबीन, मूंगफली

  • फल-सब्जियाँ: आलू, प्याज, टमाटर, केला

  • मसाले: हल्दी, धनिया, मिर्च

  • अन्य: नारियल, सुपारी, फूल, रेशम

                                                                             
किसानों के लिए जरूरी दस्तावेजों और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल चित्र में दर्शाया गया है।

6. ई-नाम पोर्टल और मोबाइल ऐप का उपयोग कैसे करें

पोर्टल:

🔗 https://enam.gov.in

मोबाइल ऐप:

  • Android/iOS पर उपलब्ध

  • किसान और व्यापारी दोनों के लिए उपयोगी

  • रियल-टाइम दाम, ट्रेंड, ट्रेड हिस्ट्री, मंडी लोकेशन आदि

                                                                        
व्यापारियों और मंडियों के लिए आवश्यक दस्तावेज़ और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया।

7. पंजीकरण प्रक्रिया – किसान, व्यापारी और मंडी के लिए

किसान के लिए:

  • आधार कार्ड

  • बैंक खाता विवरण

  • मोबाइल नंबर

  • राज्य मंडी बोर्ड में रजिस्टर्ड होना

व्यापारी के लिए:

  • व्यापार लाइसेंस

  • GST नंबर

  • पहचान पत्र (PAN, Aadhaar)

  • बैंक खाता

मंडी के लिए:

  • राज्य मंडी अधिनियम के अंतर्गत लाइसेंस

  • इंटरनेट, कम्प्यूटर और ई-नाम सॉफ्टवेयर की सुविधा

  • प्रशिक्षित स्टाफ

गेहूं, धान, चना, प्याज जैसे प्रमुख फसलों को दर्शाने वाला रंगीन चार्ट।


8. राज्यों में लागू E–NAM की स्थिति (2025 तक)

राज्यशामिल मंडियांस्थिति

उत्तर प्रदेश | 250+पूरी तरह से सक्रिय

राजस्थान | 150+व्यापारी-बोली सुविधा सक्रिय

महाराष्ट्र | 200+e-Payment चालू

मध्य प्रदेश | 150+कृषक ऐप यूजर एक्टिव

तेलंगाना | 100+Warehouse ट्रेडिंग भी चालू

देश भर में 22 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में 1360+ मंडियां e-NAM से जुड़ चुकी हैं।

                                                                       

e-NAM ऐप और वेबसाइट पर मिलने वाली सुविधाओं जैसे लाइव रेट्स, ट्रेड हिस्ट्री, मंडी लोकेशन को दिखाता हुआ इन्फोग्राफिक।

9. किसानों को मिलने वाले लाभ

लाभविवरण

✅ बेहतर दाम | प्रतिस्पर्धी बोली प्रणाली

✅ पारदर्शिता | लाइव ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड

✅ सुविधा | घर से ही फसल बेचने की प्रक्रिया

✅ भुगतान सुरक्षा | सीधा बैंक खाते में पैसा

✅ व्यापक बाजार | देशभर के व्यापारियों तक पहुँच

                                                                          

भारत का नक्शा जिसमें ई-नाम से जुड़ी 1300+ मंडियाँ और राज्यों को हाइलाइट किया गया है।

10. चुनौतियाँ और समाधान

चुनौतियाँ:

  • तकनीकी साक्षरता की कमी

  • नेटवर्क/इंटरनेट समस्या

  • पारंपरिक मंडियों में अनिच्छा

  • भाषा विविधता

समाधान:

  • राज्यों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम

  • CSC केंद्रों की मदद से पंजीकरण

  • IVR और ऐप्स में स्थानीय भाषाओं का सपोर्ट

  • किसानों के लिए मुफ्त तकनीकी सहायता केंद्र

                                                                        
बेहतर दाम, पारदर्शिता, डिजिटल पेमेंट और राष्ट्रीय बाजार जैसे लाभों को आसान भाषा और चित्रों में समझाया गया है।

11. ई-नाम से जुड़े सरकारी अपडेट (2024–2025)

  • e-NAM 2.0 लॉन्च की तैयारी

  • WAREHOUSE ट्रेडिंग पर ज़ोर

  • FPOs (Farmer Producer Organisations) के लिए अलग लॉगिन

  • ONDC से इंटीग्रेशन पर काम

  • मंडियों को IoT आधारित उपकरणों से लैस करने का प्रयास

                                                                            
e-NAM के अपग्रेड, WAREHOUSE ट्रेडिंग, IoT मंडियाँ, और ONDC इंटीग्रेशन जैसी सरकारी योजनाओं को दर्शाता इन्फोग्राफिक।

12. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1. क्या ई-नाम का उपयोग करना फ्री है?
✔️ हां, यह पूरी तरह निशुल्क है।

Q2. क्या व्यापारी दूसरे राज्य से भी फसल खरीद सकता है?
✔️ हां, यह एक राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म है।

Q3. क्या ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था किसान को करनी होगी?
✔️ व्यापारी और किसान आपसी सहमति से तय करते हैं।

Q4. क्या एक किसान कई मंडियों में एक साथ बिक्री कर सकता है?
✔️ हां, पोर्टल पर मल्टीपल मंडी चयन संभव है।

13. निष्कर्ष

e-NAM भारत में कृषि के डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह किसानों को न केवल बेहतर दाम दिलाता है बल्कि उन्हें बिचौलियों के चंगुल से भी मुक्त करता है।

✅ अगर आप किसान हैं, तो अब मंडी के भरोसे मत बैठिए।
✅ e-NAM पर रजिस्टर कीजिए और देशभर में बेचिए अपना उत्पाद।
"आपका खेत, आपकी कीमत – अब ऑनलाइन!"


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