DEDS योजना के अंतर्गत डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार किसानों को सब्सिडी और लोन देती है। जानें पात्रता, प्रोजेक्ट्स, आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज़ों की पूरी जानकारी इस विस्तृत गाइड में।
1. योजना का परिचय
भारत में डेयरी फार्मिंग एक प्रमुख आजीविका का साधन है। छोटे किसानों, महिलाओं और युवा उद्यमियों के लिए यह क्षेत्र आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह खोलता है। इसी उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए "डेयरी एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम (DEDS)" की शुरुआत भारत सरकार ने NABARD (National Bank for Agriculture and Rural Development) के माध्यम से की थी।
इस योजना के अंतर्गत गाय-भैंस पालन, दूध की प्रोसेसिंग यूनिट्स, चिलिंग प्लांट, और अन्य डेयरी से जुड़े व्यवसायों के लिए लोन व सब्सिडी प्रदान की जाती है।
2. योजना का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
भारत में दूध उत्पादन में वृद्धि तो हो रही है, लेकिन प्रोसेसिंग, स्टोरेज और मार्केटिंग की कमियों के कारण किसानों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता। DEDS योजना का मुख्य उद्देश्य इन समस्याओं को दूर करना है।
मुख्य उद्देश्य:
ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना
डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार
किसानों की आय को बढ़ाना
डेयरी क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और व्यवसायिक सोच लाना
3. योजना के अंतर्गत मिलने वाले प्रमुख लाभ
सुविधाविवरण
लोनडेयरी यूनिट्स के लिए बैंक द्वारा वित्तीय सहायता
सब्सिडी25% से 33.33% तक की सब्सिडी NABARD द्वारा
महिला लाभमहिलाओं को विशेष प्राथमिकता और उच्च सब्सिडी
प्रोजेक्ट्सडेयरी यूनिट, प्रोसेसिंग यूनिट, चिलिंग प्लांट आदि
नोट: यह योजना पूरे भारत में लागू है, और प्रत्येक राज्य के अनुसार कुछ शर्तें भिन्न हो सकती हैं।
4. पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें लागू होती हैं:
आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए
न्यूनतम 18 वर्ष की आयु आवश्यक
किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, SHG (Self Help Group), सहकारी समितियां, NGOs सभी आवेदन कर सकते हैं
आवेदक के पास पशु पालन करने के लिए जमीन या लीज़ समझौता होना चाहिए
कुछ मामलों में प्रशिक्षण या अनुभव भी वांछनीय है
5. लाभार्थी श्रेणियां और सब्सिडी प्रतिशत
DEDS योजना में सब्सिडी का प्रतिशत लाभार्थियों की श्रेणी पर निर्भर करता है:
लाभार्थी श्रेणीसब्सिडी प्रतिशतअधिकतम सब्सिडी राशि
सामान्य वर्ग25%₹1.25 लाख तक
SC/ST/महिला33.33%₹1.67 लाख तक
💡 नोट: यह सब्सिडी यूनिट लागत पर आधारित होती है। यदि कुल लागत ₹5 लाख है, तो सामान्य वर्ग को ₹1.25 लाख और SC/ST को ₹1.67 लाख तक की सब्सिडी मिल सकती है।
6. सब्सिडी किन प्रोजेक्ट्स पर मिलती है?
इस योजना के अंतर्गत नीचे दिए गए व्यवसायों पर सब्सिडी दी जाती है:
दूध उत्पादन के लिए 2 से 10 पशुओं की डेयरी यूनिट
बुल/भैंस ब्रीडिंग यूनिट्स
डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट (दूध से पनीर, दही, घी बनाना)
मिल्क कलेक्शन सेंटर और चिलिंग यूनिट
वर्मी कम्पोस्टिंग यूनिट – पशु अपशिष्ट प्रबंधन के लिए
पशु चारा उत्पादन यूनिट्स
दूध पैकिंग और ब्रांडिंग इकाइयाँ
बॉयलर/स्टीम इक्विपमेंट यूनिट्स
ऑटोमैटिक मिल्किंग मशीन सेटअप
7. डेयरी यूनिट की स्थापना लागत और लाभ विश्लेषण
उदाहरण: 10 गायों की यूनिट
खर्च का मदअनुमानित लागत
10 गाय (HF नस्ल)₹6 लाख
शेड निर्माण₹1.5 लाख
चारा भंडारण₹50,000
उपकरण (बकेट, मशीन)₹50,000
टोटल लागत₹8.5 लाख
अनुमानित लाभ
औसत दूध उत्पादन: 100 लीटर/दिन
बिक्री मूल्य: ₹40/लीटर
मासिक आय: ₹1.2 लाख
मासिक खर्च: ₹60,000 – ₹70,000
मासिक लाभ: ₹50,000 – ₹60,000
ROI (Return on Investment) लगभग 12-18 महीनों में प्राप्त हो सकता है।
8. आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची
आधार कार्ड
बैंक पासबुक / खाता विवरण
पासपोर्ट साइज फोटो
निवास प्रमाण पत्र
जाति प्रमाण पत्र (यदि SC/ST)
भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र या लीज़ एग्रीमेंट
विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट
आय प्रमाण पत्र (यदि मांगा जाए)
9. लोन और सब्सिडी की प्रक्रिया – चरणबद्ध मार्गदर्शिका
बाजार और क्षेत्र का सर्वे करें – दूध की मांग, चारा उपलब्धता आदि देखें
प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करें – लागत, लाभ, पशु संख्या, मार्केटिंग प्लान
नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क करें – Cooperative, Nationalized या Gramin Bank
लोन के लिए आवेदन जमा करें – आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें
बैंक लोन का मूल्यांकन करेगा – और स्वीकृति देगा
NABARD सब्सिडी अप्रूवल – प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद जारी होती है
सब्सिडी सीधे लाभार्थी के खाते में आती है
10. आवेदन प्रक्रिया – ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों
ऑनलाइन प्रक्रिया:
राज्य कृषि या डेयरी विभाग की वेबसाइट पर लॉगिन करें
DEDS के तहत आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें या भरें
आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें
आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक की जा सकती है
ऑफलाइन प्रक्रिया:
नजदीकी CSC केंद्र या बैंक शाखा में जाकर फॉर्म प्राप्त करें
भरे हुए फॉर्म को बैंक/डिपार्टमेंट में जमा करें
सभी दस्तावेज़ संलग्न करें और रसीद लें
? 11. सामान्य सवाल-जवाब (FAQ)
Q1: क्या हर कोई यह योजना ले सकता है?
A: हां, कोई भी भारतीय नागरिक जो पात्रता शर्तें पूरी करता हो, वह आवेदन कर सकता है।
Q2: क्या पहले से चल रही यूनिट पर सब्सिडी मिल सकती है?
A: नहीं, सब्सिडी केवल नई यूनिट या विस्तार के लिए ही मिलती है।
Q3: क्या सब्सिडी लोन मिलने के पहले मिलती है?
A: नहीं, पहले लोन मिलता है, फिर प्रोजेक्ट चालू होने के बाद सब्सिडी रिलीज होती है।
Q4: क्या महिला आवेदकों को कोई विशेष सुविधा है?
A: हां, महिला किसानों को 33.33% तक सब्सिडी मिलती है।
Q5: योजना का लाभ दोबारा ले सकते हैं क्या?
A: आमतौर पर एक लाभार्थी योजना का लाभ एक ही बार ले सकता है।
12. योजना से जुड़ी सरकारी वेबसाइट और संपर्क
संपर्कविवरण
NABARD वेबसाइटwww.nabard.org
कृषि मंत्रालय हेल्पलाइन1800-180-1551
राज्य डेयरी विभागराज्यवार कार्यालय
राज्य स्तर पर भिन्न नियम हो सकते हैं – अपने ज़िले के डिस्ट्रिक्ट पशुपालन अधिकारी से जानकारी अवश्य लें।
निष्कर्ष
Dairy Entrepreneurship Development Scheme (DEDS) किसानों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा देता है, बल्कि भारत में दूध उत्पादन और उसकी गुणवत्ता को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाता है।
अगर आप एक गंभीर, मेहनती किसान या युवा हैं, जो पशुपालन के ज़रिए भविष्य बनाना चाहते हैं — तो यह योजना आपके लिए बनी है।