प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, अतिवृष्टि, सूखा, ओलावृष्टि और कीट-रोगों से फसल के नुकसान पर बीमा सुरक्षा प्रदान करती है। जानिए योजना की पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, लाभ, प्रीमियम दरें और क्लेम कैसे प्राप्त करें – पूरी जानकारी।
परिचय:
भारत में कृषि का भविष्य पूरी तरह से मानसून पर निर्भर करता है। कभी सूखा, कभी बाढ़, कभी ओलावृष्टि और कीट – ये सभी फसल की बर्बादी के बड़े कारण हैं। ऐसे में किसानों को सुरक्षा देने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत की थी।
इस योजना का उद्देश्य है – "किसानों को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना और जोखिम को कम करना।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में शुरू की गई यह योजना अब देश की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना बन चुकी है, जो लाखों किसानों को राहत देती है।
योजना के उद्देश्य
प्राकृतिक आपदा, कीट एवं रोग से हुई फसल हानि पर क्षतिपूर्ति देना।
किसानों की आय में स्थिरता लाना।
आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करना।
कृषि में संस्थागत ऋण की सुविधा बढ़ाना।
पात्रता और लाभार्थी कौन हैं?
पात्र किसान:
सभी छोटे, सीमांत और बड़े किसान
जिनके पास स्वामित्व वाली भूमि हो
जिन किसानों ने ऋण लिया है (Loaned Farmers)
स्वैच्छिक रूप से योजना में शामिल किसान (Non-loanee Farmers)
जरूरी दस्तावेज:
आधार कार्ड
भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र या लीज एग्रीमेंट
बैंक खाता विवरण
पासपोर्ट साइज फोटो
बीमा प्रीमियम दरें क्या हैं?
फसल का प्रकारकिसान द्वारा देय प्रीमियम
खरीफ फसल2%
रबी फसल1.5%
वाणिज्यिक/बागवानी फसल5%
बाकी राशि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देती हैं।
बीमा कवरेज में क्या शामिल है?
प्राकृतिक आपदा:
बाढ़, सूखा, तूफान, भूस्खलन, ओलावृष्टि
कीट एवं रोग:
टिड्डी हमला, फफूंद, वायरस इत्यादि
फसल कटाई के बाद का नुकसान:
यदि फसल कटाई के बाद खेत में 2 सप्ताह के अंदर प्राकृतिक आपदा से हानि हुई हो तो भी बीमा कवरेज मिलेगा।
आवेदन कैसे करें?
आवेदन के तरीके:
CSC (जन सेवा केंद्र) के माध्यम से
PMFBY की आधिकारिक वेबसाइट पर: https://pmfby.gov.in
राज्य सरकार के कृषि विभाग कार्यालय से
कृषि मोबाइल एप से
आवेदन की अंतिम तिथि:
खरीफ फसल: 31 जुलाई तक
रबी फसल: 31 दिसंबर तक
तकनीकी सुधार
किसान मोबाइल ऐप:
एप के माध्यम से आवेदन, स्थिति ट्रैकिंग और शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
e-KYC और आधार लिंकिंग भी संभव है।
सैटेलाइट एवं ड्रोन निगरानी:
सरकार अब आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर नुकसान का आकलन कर रही है।
राज्यवार आँकड़े
वर्षबीमित किसानदावा भुगतान राशि (₹ करोड़ में)
20163.5 करोड़₹15,000+
20206 करोड़₹90,000+
20237.8 करोड़₹1,22,000+
क्लेम कैसे प्राप्त करें?
नुकसान के 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट करें
पंचायत स्तर पर निरीक्षण होगा
फसल क्षति का डिजिटल रिकॉर्ड बनेगा
बीमा कंपनी रिपोर्ट की पुष्टि कर भुगतान करेगी
क्लेम सीधे किसान के बैंक खाते में आता है।
किसानों की सफलता की कहानी
नाम: रामप्रसाद यादव, मध्य प्रदेश
फसल: सोयाबीन
घटना: भारी वर्षा से खेत डूब गया
बीमा दावा: ₹52,000/-
लाभ: रामप्रसाद जी की फसल पूरी खराब हो गई थी, परंतु बीपीएमवाई के अंतर्गत उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिला जिससे उन्होंने अगली फसल का खर्च निकाल लिया।
? अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या ये बीमा हर किसान के लिए अनिवार्य है?
नहीं, केवल ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य है, बाकियों के लिए वैकल्पिक है।
2. अगर बीमा क्लेम में देरी हो तो क्या करें?
किसान हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें या राज्य कृषि अधिकारी से मिलें।
3. क्या बिना खसरा नंबर के आवेदन हो सकता है?
नहीं, भूमि विवरण अनिवार्य है।
योजना की आलोचनाएँ
बीमा क्लेम में देरी की शिकायतें
कुछ क्षेत्रों में सही आकलन नहीं होना
निजी बीमा कंपनियों की पारदर्शिता पर सवाल
लेकिन सरकार इन समस्याओं पर काम कर रही है और लगातार सुधार कर रही है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारतीय किसानों के लिए सुरक्षा की ढाल है। यह योजना न केवल आर्थिक मदद देती है, बल्कि जोखिम से जूझ रहे किसानों को मानसिक और सामाजिक संबल भी प्रदान करती है।
आज जब जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाएँ आम हो गई हैं, तब ऐसी योजनाएँ किसानों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। हर किसान को चाहिए कि वह समय रहते इस योजना से जुड़कर अपने भविष्य को सुरक्षित बनाए।
बीमा है तो भरोसा है, किसान खुशहाल है!