जानिए जैविक खेती (Organic Farming) क्या है, इसके फायदे, विधियाँ और भारत में इसकी बढ़ती संभावनाएँ। स्वस्थ जीवन और टिकाऊ भविष्य के लिए जैविक खेती अपनाएँ।
प्रस्तावना
आज के समय में जब प्रदूषण और रसायनों से हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है, ऐसे में खेती में भी बदलाव की ज़रूरत महसूस हो रही है। पारंपरिक खेती जहाँ खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती थी, वहीं रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों ने मिट्टी की उर्वरता, पानी की गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है।
जैविक खेती (Organic Farming) इस समस्या का समाधान प्रस्तुत करती है। यह खेती का ऐसा तरीका है जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जाता है और रसायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों या हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता।
जैविक खेती क्या है? (What is Organic Farming?)
जैविक खेती एक ऐसी कृषि प्रणाली है जो प्राकृतिक खाद, कंपोस्ट, हरी खाद और जैविक कीटनाशकों पर आधारित होती है। इसमें रसायनों की जगह प्रकृति से प्राप्त संसाधनों का उपयोग होता है, जिससे मिट्टी की सेहत बनी रहती है और फसलें भी अधिक पौष्टिक होती हैं।
सरल शब्दों में, जैविक खेती का मतलब है – प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर खेती करना।
जैविक खेती का इतिहास (History of Organic Farming)
भारत में खेती शुरू से ही प्राकृतिक रही है। हमारे किसान गोबर की खाद, हरी खाद और पशुपालन से जुड़ी तकनीकों का इस्तेमाल करते आए हैं। लेकिन हरित क्रांति (1960 के दशक) के बाद रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग बढ़ा। शुरुआती दौर में उत्पादन बढ़ा, लेकिन धीरे-धीरे मिट्टी की गुणवत्ता और किसानों की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ा।
इसी कारण आज फिर से जैविक खेती की ओर ध्यान दिया जा रहा है। यह न केवल पर्यावरण को बचाती है बल्कि किसानों को दीर्घकालिक लाभ भी देती है।
जैविक खेती के सिद्धांत (Principles of Organic Farming)
जैविक खेती चार मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है:
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स्वास्थ्य का सिद्धांत (Principle of Health): मिट्टी, पौधे, पशु और मानव – सबकी सेहत सुरक्षित रखना।
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पर्यावरण संतुलन (Principle of Ecology): प्राकृतिक चक्रों और जैव विविधता का संरक्षण करना।
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न्याय (Principle of Fairness): किसानों, उपभोक्ताओं और पर्यावरण के बीच संतुलित संबंध।
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सावधानी (Principle of Care): संसाधनों का सतत और सुरक्षित उपयोग।
जैविक खेती की विधियाँ (Methods of Organic Farming)
1. प्राकृतिक खाद और उर्वरक
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गोबर खाद
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हरी खाद
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वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद)
2. जैविक कीटनियंत्रण
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नीम का तेल
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अदरक, लहसुन और मिर्च से बने प्राकृतिक स्प्रे
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ट्रैप क्रॉपिंग (कीटों को फँसाने वाली फसलें लगाना)
3. फसल चक्र (Crop Rotation)
एक ही खेत में अलग-अलग मौसम में विभिन्न फसलें उगाना ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।
4. मल्चिंग (Mulching)
मिट्टी को ढककर रखना ताकि नमी बनी रहे और खरपतवार कम हों।
5. मिश्रित खेती (Mixed Cropping)
एक ही खेत में अलग-अलग प्रकार की फसलें लगाना जिससे कीट और बीमारियों का खतरा कम हो।
जैविक खेती के फायदे (Benefits of Organic Farming)
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स्वास्थ्य के लिए लाभकारी – रसायन-मुक्त अनाज, फल और सब्ज़ियाँ
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पर्यावरण की सुरक्षा – मिट्टी, पानी और हवा प्रदूषण से बचते हैं
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मिट्टी की उर्वरता में सुधार – प्राकृतिक खाद मिट्टी को लंबे समय तक उपजाऊ बनाती है
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किसानों के लिए लाभकारी – कम लागत, कम निवेश, और लंबी अवधि में अधिक मुनाफा
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जैव विविधता का संरक्षण – पक्षी, कीट और अन्य जीवों का संतुलन बना रहता है
जैविक खेती की चुनौतियाँ (Challenges of Organic Farming)
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शुरुआती वर्षों में उत्पादन कम हो सकता है
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जैविक प्रमाणन (Organic Certification) प्रक्रिया जटिल और महंगी है
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बाजार में जैविक उत्पादों के लिए उचित मूल्य नहीं मिल पाता
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जागरूकता की कमी
भारत सरकार और संगठन की भूमिका
भारत सरकार ने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं:
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परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
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मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट (MOVCDNER)
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किसानों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम और सब्सिडी
भविष्य और संभावनाएँ (Future of Organic Farming in India)
भारत में जैविक उत्पादों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। शहरी क्षेत्रों में लोग स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं। वैश्विक स्तर पर भी भारत जैविक उत्पादों का बड़ा निर्यातक बन सकता है।
किसानों के लिए यह खेती लंबी अवधि में अधिक टिकाऊ और लाभकारी साबित हो सकती है।
निष्कर्ष
जैविक खेती न केवल किसानों के लिए बल्कि उपभोक्ताओं और पर्यावरण के लिए भी वरदान है। यह खेती का ऐसा मॉडल है जो हमें प्रकृति के करीब ले जाता है और टिकाऊ विकास की ओर अग्रसर करता है। यदि हम स्वस्थ जीवन और स्वच्छ पर्यावरण चाहते हैं, तो हमें जैविक खेती को बढ़ावा देना ही होगा।
FAQs
Q1. जैविक खेती (Organic Farming) क्या है?
जैविक खेती एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की जगह प्राकृतिक खाद, वर्मी कम्पोस्ट, गोबर खाद और जैविक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है।
Q2. जैविक खेती के फायदे क्या हैं?
यह खेती मिट्टी की उर्वरता बनाए रखती है, पर्यावरण की रक्षा करती है, किसानों की लागत कम करती है और उपभोक्ताओं को सेहतमंद भोजन देती है।
Q3. जैविक खेती और प्राकृतिक खेती में क्या अंतर है?
जैविक खेती में बाहरी जैविक खाद और उत्पादों का उपयोग होता है, जबकि प्राकृतिक खेती पूरी तरह खेत में उपलब्ध संसाधनों पर आधारित होती है।
Q4. भारत में जैविक खेती कहाँ सबसे ज्यादा की जाती है?
सिक्किम भारत का पहला पूरी तरह जैविक राज्य है। इसके अलावा केरल, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भी जैविक खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।
Q5. जैविक खेती का भविष्य कैसा है?
जैविक उत्पादों की मांग भारत और विदेशों में तेजी से बढ़ रही है। इसका निर्यात भी किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बना रहा है।
अधिक जानकारी और उपयोगी लिंक
1.जैविक खेती – कृषि मंत्रालय, भारत सरकार
2.प्राकृतिक खेती (Natural Farming): टिकाऊ कृषि और स्वस्थ भविष्य की दिशा
3..स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली: फायदे, लागत, प्रकार और जानने योग्य सब कुछ |