भारत में वर्टिकल फार्मिंग – शहरी कृषि का भविष्य

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जानें वर्टिकल फार्मिंग क्या है, भारत में इसकी ज़रूरत क्यों बढ़ रही है, इसके फायदे, चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ। शहरी क्षेत्रों के लिए वर्टिकल फार्मिंग एक नई क्रांति।

  परिचय

आज के समय में जब खेती योग्य भूमि घट रही है और जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, तब कृषि के पारंपरिक तरीकों से भविष्य की खाद्य ज़रूरतें पूरी करना मुश्किल होता जा रहा है।
ऐसे में वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) आधुनिक कृषि का नया मॉडल है, जो कम जगह में अधिक उत्पादन करने का समाधान प्रदान करता है।

भारत में भी धीरे-धीरे इस तकनीक की ओर ध्यान बढ़ रहा है, खासकर शहरी इलाक़ों में जहाँ ज़मीन महंगी और सीमित है।

                                                                        

LED लाइट्स के साथ टॉवर में हाइड्रोपोनिक फसलों की खेती

 वर्टिकल फार्मिंग क्या है?

वर्टिकल फार्मिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें फसलों को ऊँचाई में बनाए गए लेयर या टॉवर में उगाया जाता है।
यह हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponics), एरोपोनिक्स (Aeroponics) और एक्वापोनिक्स (Aquaponics) जैसी आधुनिक तकनीकों पर आधारित होती है।

 इसका मुख्य उद्देश्य है

  • कम जगह में ज़्यादा उत्पादन
  • पानी और संसाधनों की बचत
  • शहरों के अंदर ही खाद्य उत्पादन करना

 

 भारत में वर्टिकल फार्मिंग की ज़रूरत क्यों?

  1. खेती योग्य भूमि में कमीशहरीकरण और औद्योगीकरण से खेत कम हो रहे हैं।
  2. जनसंख्या वृद्धिभारत की बढ़ती जनसंख्या के लिए अधिक खाद्य उत्पादन ज़रूरी है।
  3. पानी की कमीवर्टिकल फार्मिंग पारंपरिक खेती से 80-90% तक पानी बचाती है।
  4. शहरी मांगमेट्रो सिटीज़ में ताज़ी और ऑर्गेनिक सब्ज़ियों की मांग बढ़ रही है।

 

 वर्टिकल फार्मिंग के फायदे

  • कम जगह में ज़्यादा उत्पादन
  • पानी की भारी बचत
  • कीटनाशक-मुक्त (ऑर्गेनिक) फसलें
  • सालभर उत्पादन (कंट्रोल्ड एनवायरनमेंट)
  • शहरी क्षेत्रों में फसल उगाने की सुविधा
  • परिवहन लागत कम (क्योंकि शहरों में ही उत्पादन होता है)

 

 चुनौतियाँ

  • शुरुआती निवेश अधिक
  • बिजली और तकनीक पर निर्भरता
  • प्रशिक्षित लोगों की कमी
  • रखरखाव और प्रबंधन की ज़रूरत

 

 भारत में वर्टिकल फार्मिंग का भविष्य

  • स्टार्टअप्स का बढ़ता रोलकई स्टार्टअप जैसे UrbanKisaan, Barton Breeze इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।
  • सरकारी समर्थनकृषि मंत्रालय और राज्य सरकारें धीरे-धीरे शहरी कृषि पर ध्यान दे रही हैं।
  • ऑर्गेनिक फूड मार्केट का विस्तारहेल्थ कॉन्शस लोगों की वजह से डिमांड बढ़ रही है।

 अनुमान है कि आने वाले 10 वर्षों में भारत में वर्टिकल फार्मिंग का बाज़ार अरबों रुपये का हो जाएगा।

 

 किसानों और युवाओं के लिए अवसर

  • हाइड्रोपोनिक यूनिट लगाकर सब्ज़ी उत्पादन
  • रेस्टोरेंट और होटलों को सप्लाई
  • शहरी क्षेत्रों में छोटे स्केल पर बिज़नेस
  • प्रशिक्षण और कंसल्टेंसी सेवाएँ

 

 निष्कर्ष

वर्टिकल फार्मिंग भारत के लिए कृषि का भविष्य और अवसर दोनों है। यह तकनीक केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है, बल्कि किसानों और युवाओं को नए बिज़नेस मॉडल भी प्रदान करती है।
हालाँकि चुनौतियाँ हैं, लेकिन सरकारी सहयोग, स्टार्टअप इनोवेशन और बढ़ती मांग को देखते हुए आने वाले समय में भारत में वर्टिकल फार्मिंग शहरी कृषि की रीढ़ साबित हो सकती है।

अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें

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