जानिए जैविक खेती क्या है, इसके लाभ, इतिहास, बाज़ार की स्थिति और यह भविष्य की खेती क्यों है।
भारत में जैविक खेती का सम्पूर्ण परिचय—जैविक खेती के सिद्धांत, प्राकृतिक उपाय, परंपरागत खेती से अंतर, बाज़ार रुझान, योजनाएं और प्रमाणन की जानकारी।
परिचय: खेती का नया युग
भारतीय कृषि एक बदलाव के दौर से गुजर रही है। खाद्य सुरक्षा, पर्यावरणीय क्षरण और मिट्टी की गुणवत्ता को लेकर बढ़ती चिंता ने किसानों और उपभोक्ताओं को जैविक खेती की ओर मोड़ा है—एक पारंपरिक पद्धति जो आज आधुनिक विज्ञान की सहायता से फिर लौट रही है।
जैविक खेती कोई ट्रेंड नहीं है। यह हमारे पूर्वजों की परंपरा की वापसी है—जहां मिट्टी का सम्मान होता था, जैव विविधता को पोषित किया जाता था और रसायनों की बजाय संतुलन पर जोर दिया जाता था।
जैविक खेती क्या है?
जैविक खेती एक ऐसी कृषि प्रणाली है जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और GMO बीजों की बजाय प्राकृतिक साधनों जैसे गोबर खाद, नीम, जीवामृत, और फसल चक्र का प्रयोग किया जाता है।
मुख्य सिद्धांत:
मिट्टी की सेहत: FYM, कंपोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट से मिट्टी को समृद्ध करना
प्राकृतिक कीट नियंत्रण: नीम का तेल, गोमूत्र, फेरोमोन ट्रैप्स
जैव विविधता: मिश्रित फसलें उगाकर संतुलन बनाना
बिना रसायन: रासायनिक खाद व कीटनाशकों का पूर्ण बहिष्कार
पशु कल्याण: पशुओं का सम्मानपूर्वक पालन-पोषण
प्रमुख जैविक इनपुट:
जीवामृत: गोबर + गोमूत्र + गुड़ + बेसन
पंचगव्य: गाय के पाँच उत्पादों का मिश्रण
जैव उर्वरक: एजोटोबैक्टर, राइजोबियम
हरी खाद फसलें: सनहेम्प, ढैंचा
जैविक और पारंपरिक खेती में अंतर
बिंदुजैविक खेतीपारंपरिक खेती
इनपुटप्राकृतिकरासायनिक उर्वरक, कीटनाशक
मिट्टी की स्थितिसुधरती हैबिगड़ती है
उपजशुरू में थोड़ी कमत्वरित लेकिन अस्थायी
लाभदीर्घकालिक, प्रीमियम मूल्यरसायनों पर निर्भर
कीट नियंत्रणप्राकृतिक उपायरासायनिक कीटनाशक
पर्यावरणअनुकूलप्रदूषण और अपवाह
प्रमाणनआवश्यकनहीं
निष्कर्ष: पारंपरिक खेती तात्कालिक लाभ देती है, पर जैविक खेती दीर्घकालिक स्वास्थ्य, लाभ और मिट्टी का संतुलन बनाती है।
भारत में जैविक खेती का इतिहास और विकास
प्राचीन काल:
वेदों में गोमूत्र, घी, गोबर आधारित खेती का उल्लेख
फसल चक्र, मिश्रित खेती, बीज संरक्षण की परंपरा
हरित क्रांति (1960–80):
उत्पादन बढ़ा लेकिन रासायनों के अत्यधिक प्रयोग से मिट्टी और जल संसाधन प्रभावित
जैविक पुनरुत्थान (1990–2000):
2000: राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (NPOP) की शुरुआत
2016: सिक्किम बना पहला पूर्ण जैविक राज्य
APEDA, PGS India, ECOCERT जैसी प्रमाणन संस्थाएं सक्रिय
2023 की स्थिति:
44 लाख से अधिक जैविक किसान
27 लाख हेक्टेयर भूमि प्रमाणित जैविक
जैविक उत्पादकों की संख्या में भारत विश्व में नंबर 1 (FAO)
जैविक खेती के लाभ: सेहत, मिट्टी और बाज़ार
स्वास्थ्य लाभ:
बिना रासायनिक अवशेषों वाला भोजन
कैंसर व टॉक्सिन से कम जोखिम
अधिक एंटीऑक्सीडेंट व पोषक तत्व
मिट्टी के लाभ:
जैविक कार्बन की मात्रा अधिक
पानी की धारण क्षमता बेहतर
सूक्ष्मजीवों और केंचुओं की वृद्धि
प्राकृतिक कीट व रोग नियंत्रण
पर्यावरणीय लाभ:
भूमि, जल व वायु प्रदूषण शून्य
परागण करने वाले कीट व जीवों का संरक्षण
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी
बाज़ार व आर्थिक लाभ:
20–30% अधिक मूल्य
यूरोप, अमेरिका, जापान जैसे निर्यात बाज़ारों तक पहुंच
सरकारी सब्सिडी, प्रशिक्षण, स्कीम्स उपलब्ध
उपभोक्ता विश्वास:
युवा पीढ़ी व स्वास्थ्य जागरूक परिवारों की पहली पसंद
“फार्म-टू-होम” मॉडल की मांग में वृद्धि
भारत में जैविक बाज़ार रुझान: भविष्य है हरा
बाज़ार का आकार (2023):
₹8,500 करोड़
2027 तक लक्ष्य: ₹25,000+ करोड़
CAGR: 20–25%
बढ़ते क्षेत्र:
मेट्रो शहर: मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु
ई-कॉमर्स: बिगबास्केट, अमेज़न ऑर्गेनिक
स्टार्टअप्स: Zama Organics, Krishi Cress
लोकप्रिय जैविक फसलें:
फल: आम, सेब, केला
अनाज: चावल, गेहूं, बाजरा
दालें: मूंग, मसूर, राजमा
मसाले: हल्दी, अदरक, मिर्च
प्रमाणन एजेंसियाँ:
PGS-India (Participatory Guarantee System)
APEDA NPOP
ECOCERT India
"जैविक भारत" लोगो – पैकिंग पर उपभोक्ता भरोसे के लिए
चुनौतियाँ:
प्रमाणन लागत
संक्रमण अवधि (2–3 साल)
छोटे किसानों को बाज़ार तक पहुंच
सरकारी सहायता:
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन (MOVCDNER)
जैविक खेती पोर्टल (jaivikkheti.in)
निष्कर्ष: क्या जैविक खेती आपके लिए उपयुक्त है?
जैविक खेती कोई शॉर्टकट नहीं है—यह एक दीर्घकालिक संकल्प है मिट्टी, सेहत और पर्यावरण के प्रति। इसके परिणाम धीरे आते हैं, लेकिन यह एक स्थायी कृषि प्रणाली बनाती है जो किसानों, उपभोक्ताओं और धरती—तीनों के लिए लाभकारी है।
यदि आप छोटे या मध्यम किसान हैं, तो अपनी ज़मीन के एक हिस्से में जैविक खेती शुरू करें। प्रयोग करें, सीखें और धीरे-धीरे विस्तार करें। भविष्य जैविक खेती का है—और आप इस परिवर्तन के नायक बन सकते हैं।