जानिए भारत में ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन का महत्व, NPOP और PGS सिस्टम, आवेदन प्रक्रिया, लागत, समय सीमा और प्रमाणित उत्पाद बेचने के आसान तरीके।
परिचय: जैविक प्रमाणन अब पहले से ज्यादा क्यों जरूरी है?
जैसे-जैसे भारतीय उपभोक्ता स्वास्थ्यप्रद, रसायन-मुक्त भोजन की मांग कर रहे हैं, वैसे-वैसे जैविक प्रमाणन की आवश्यकता भी तेजी से बढ़ रही है। प्रमाणन सिर्फ एक लोगो या मुहर नहीं है — यह विश्वास, नियमों का पालन और उच्च गुणवत्ता वाले बाज़ारों तक पहुंच का प्रतीक है।
चाहे आप एक छोटे किसान हों या बड़े समूह का हिस्सा, यह मार्गदर्शिका आपको बताएगी:
जैविक प्रमाणन की जरूरत क्यों है
NPOP और PGS प्रणाली में क्या अंतर है
आवेदन की चरण-दर-चरण प्रक्रिया
लागत, दस्तावेज़ और समय सीमा
प्रमाणित उत्पाद भारत और विदेश में कैसे बेचें
आइए भारत में जैविक प्रमाणन की प्रक्रिया को सरल और व्यावहारिक तरीके से समझते हैं।
1. जैविक प्रमाणन क्यों जरूरी है?
A. उपभोक्ता का विश्वास बनाता है
"प्राकृतिक" या "रिज़िड्यू-फ्री" जैसे दावों के बीच, प्रमाणित जैविक उत्पाद की साख अधिक होती है।
B. प्रीमियम दाम तक पहुंच
प्रमाणित जैविक उत्पाद सामान्य उत्पादों से 20% से 100% ज्यादा दाम पर बिकते हैं।
C. सरकारी और निर्यात नियमों का पालन
विदेश में जैविक उत्पाद बेचने के लिए NPOP प्रमाणन अनिवार्य है।
D. ब्रांड और कानूनी सुरक्षा
"ऑर्गेनिक" शब्द का उपयोग भारत में कानूनी रूप से तभी मान्य है जब प्रमाणन हो।
🟢 "जैविक प्रमाणन किसान के भरोसे को खरीदार के आत्मविश्वास में बदलता है।"
2. NPOP और PGS प्रणाली का अवलोकन
भारत में दो मुख्य प्रमाणन प्रणाली मान्य हैं:
A. NPOP – राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम
लॉन्च किया गया: वाणिज्य मंत्रालय और APEDA द्वारा
उपयोग: निर्यात और बड़े घरेलू बाजारों के लिए
मुख्य विशेषताएं:
थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा निरीक्षण (जैसे ECOCERT, SGS)
सख्त दस्तावेज़ीकरण
“India Organic” लोगो
EU, USA जैसे देशों में निर्यात हेतु आवश्यक
B. PGS – सहभागी गारंटी प्रणाली
लॉन्च किया गया: कृषि मंत्रालय (NCOF) द्वारा
उपयोग: स्थानीय बाजारों और छोटे किसानों के लिए
मुख्य विशेषताएं:
किसान समूह द्वारा पारस्परिक निरीक्षण
सामुदायिक आधारित स्व-प्रमाणन
“PGS-India Green” लोगो
कोई मध्यस्थ नहीं, किसान समूह स्वयं प्रक्रिया संभालते हैं
C. NPOP बनाम PGS – मुख्य अंतर
मापदंडNPOPPGS-India
प्रमाणन निकायथर्ड पार्टी एजेंसीस्थानीय किसान समूह
लक्ष्य बाजारनिर्यात + बड़े बाजारस्थानीय/क्षेत्रीय
लागत₹15,000–₹30,000/वर्ष₹500–₹2,000/वर्ष
निरीक्षणबाहरी निरीक्षकसहकर्मी समीक्षा
लोगोIndia OrganicPGS-India Green
🟢 टिप: छोटे समूह और NGO पहले PGS से शुरुआत करते हैं और बाद में NPOP में जाते हैं।
3. प्रमाणन की चरण-दर-चरण प्रक्रिया
A. NPOP प्रमाणन के लिए कदम
प्रमाणन एजेंसी चुनें:
apeda.gov.in पर सूची देखें
उदाहरण: ECOCERT, INDOCERT, SGS, OneCert
आवेदन भरें + फार्म का नक्शा संलग्न करें
फसल, क्षेत्र, पशु पालन की जानकारी दें
परिवर्तन अवधि शुरू (न्यूनतम 2 वर्ष)
केवल जैविक पद्धतियाँ अपनाएं
रिकार्ड्स रखें, रासायनिक उपयोग प्रतिबंधित
निरीक्षण
फील्ड विज़िट, सैंपल कलेक्शन
कंपोस्ट लॉग, छिड़काव रिकॉर्ड, पंचगव्य आदि की जांच
रिपोर्ट + प्रमाणन
India Organic लोगो + प्रमाणन नंबर प्राप्त करें
वैधता: 1 वर्ष (वार्षिक नवीनीकरण जरूरी)
B. PGS-India प्रमाणन के लिए कदम
स्थानीय PGS समूह से जुड़ें
NCOF या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें
प्रशिक्षण प्राप्त करें
जैविक खाद, गो आधारित उत्पाद, फसल चक्र
घोषणा पत्र + सहकर्मी निरीक्षण
4–5 किसान एक-दूसरे के खेतों की जांच करते हैं
स्थानीय समूह द्वारा प्रमाणन
PGS प्रमाणपत्र और लोगो प्राप्त करें
डेटा वेबसाइट पर अपलोड करें: pgsindia-ncof.gov.in
4. लागत और समय
A. लागत विवरण
घटकNPOP (3rd Party)PGS (Self-Group)
आवेदन शुल्क₹2,000–₹5,000₹200–₹500
निरीक्षण शुल्क₹8,000–₹15,000शून्य (सहकर्मी निरीक्षण)
लैब टेस्ट (यदि हो)₹3,000–₹5,000वैकल्पिक
वार्षिक नवीनीकरण₹5,000–₹8,000₹500–₹1,000
कुल वार्षिक लागत₹15,000–₹30,000₹500–₹2,000
🟢 नोट: PKVY जैसी योजनाओं के तहत कई राज्य 75% तक सब्सिडी देते हैं।
B. समय सीमा
NPOP परिवर्तन अवधि: 2–3 वर्ष (भूमि इतिहास पर निर्भर)
PGS-India: 1–2 वर्ष (समूह होने पर तेज)
5. प्रमाणित जैविक उत्पाद कैसे बेचें?
A. स्थानीय जैविक बाजार
दिल्ली हाट, पुणे जैविक बाजार, चेन्नई ईको-मार्केट
PGS प्रमाणित किसानों के लिए उपयुक्त
B. जैविक रिटेल चेन
Organic India, Fabindia Organic, Nature’s Basket
NPOP प्रमाणन + लैब टेस्ट जरूरी
C. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म
Farm2Home, BigBasket Organic, Amazon Organic
सर्टिफिकेट और बारकोड मेल खाने चाहिए
D. सरकारी मंडी और योजनाएं
Jaivik India पोर्टल: किसानों की राष्ट्रीय डाटाबेस
APEDA: निर्यात सहायता
AEZ (Agri Export Zone): विशेष फसलों के लिए क्लस्टर मार्केटिंग (जैसे इरोड हल्दी)
E. बिक्री बढ़ाने के सुझाव
पैकेजिंग पर लोगो प्रदर्शित करें
रिटेल दुकानों में नमूने दें
सोशल मीडिया पर प्रमाणिक खेती के प्रमाण शेयर करें
जैविक को-ऑपरेटिव्स से जुड़ें
🟢 "प्रमाणित किसान को खरीदार खोजने नहीं पड़ते, खरीदार खुद उन्हें खोजते हैं।"
निष्कर्ष: प्रमाणन = अवसर
भले ही प्रक्रिया पेपरवर्क और निरीक्षण से भरी हो, लेकिन जैविक प्रमाणन के लाभ अनगिनत हैं:
✅ उपभोक्ता का विश्वास
✅ प्रीमियम दाम
✅ रिटेल और निर्यात बाजारों में प्रवेश
✅ सरकारी सब्सिडी और सहायता योजनाएं
शुरुआत कैसे करें?
PGS और NPOP का अंतर समझें
खेत का रिकॉर्ड रखना शुरू करें
स्थानीय समूह से जुड़ें या APEDA से संपर्क करें
🟢 "जैविक खेती खेत में शुरू होती है, लेकिन जैविक बिक्री प्रमाणन से शुरू होती है।"